Air India को खरीदने वाले को ये प्रॉपर्टी मिलेगी, जानिए अब सरकार ने क्या शर्त रखी
एयर इंडिया (Air India) के विनिवेश (Disinvestment) को लेकर सरकार ने बेहतर योजना तैयार की है. सरकार ने इस बार बोलियां लगाने के नियम 2018 की तुलना में आसान शर्तें रखी हैं.
सरकार ने इस बार बोलियां लगाने के नियम 2018 की तुलना में आसान शर्तें रखी हैं. (Dna)
सरकार ने इस बार बोलियां लगाने के नियम 2018 की तुलना में आसान शर्तें रखी हैं. (Dna)
एयर इंडिया (Air India) के विनिवेश (Disinvestment) को लेकर सरकार ने बेहतर योजना तैयार की है. सरकार ने इस बार बोलियां लगाने के नियम 2018 की तुलना में आसान शर्तें रखी हैं. अब 3,500 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाले (Net worth) ग्रुप भी कंपनी के लिए बोली (Bid) लगा सकेंगी. वहीं किसी ग्रुप में उसके अलग-अलग भागीदारों की मिनिमम हिस्सेदारी 10 प्रतिशत तय कर दी गई है.
वर्ष 2018 में जब सरकार ने Air India की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का टेंडर किया था, तब किसी संभावित खरीदार की नेटवर्थ 5,000 करोड़ रुपये और बोली लगाने वाले समूह में शामिल भागीदारों की न्यूनतम हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रखी गई थी.
सरकार ने कर्ज में दबी Air India में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए प्राथमिक सूचना ज्ञापन (PIM) सोमवार को जारी कर दिया है. सरकार ने इच्छुक पक्षों से 17 मार्च तक आरंभिक बोलियों के सहमति पत्र मंगाए हैं. Air India के रणनीतिक विनिवेश के तहत एयरलाइन की सस्ती विमानन सेवा ‘एअर इंडिया एक्सप्रेस’ में भी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी.
TRENDING NOW
PIM की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि कोई कंपनी अपनी ‘मातृ कंपनी की ताकत’ के आधार पर भी बोली लगा सकती है. पहले इसका प्रावधान नहीं था. Air India की विनिवेश प्रक्रिया के तहत कोई समूह भी बोली लगा सकता है. समूह में हर प्रतिभागी की हिस्सेदारी कम से कम 10 प्रतिशत और कुल 3500 करोड़ रुपये की नेटवर्थ के 10 प्रतिशत के बराबर होना चाहिए.
समूह का नेतृत्व करने वाले सदस्य की हिस्सेदारी भी कम से कम 26 प्रतिशत होनी चाहिए. व्यक्तिगत निवेशक समूह का हिस्सा बनकर निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा यदि कोई घरेलू विमानन कंपनी बोली लगाती है तो वह बिना नेटवर्थ के 51 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रख सकती है. जबकि सहयोगी कंपनी को 3,500 करोड़ रुपये की नेटवर्थ की योग्यता पूरी करनी होगी.
इससे पहले वर्ष 2018 में सरकार ने एअर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री और प्रबंधकीय नियंत्रण निजी क्षेत्र को सौंपने की निविदा जारी की थी.
05:38 PM IST